5. लखनऊ ---- लखनऊ को कबाब और “नबाबो के शहर” के रूप में जाना जाता हैं जो अपने साहित्य और संस्कृति और वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद हैं | लखनऊ उत्तरप्रदेश की राजधानी और एक बहुत बड़ा शहर हैं, जो गोमती नदी के किनारे स्थित हैं | लखनऊ एक ऐसा शहर हैं जो अपने आकर्षक पर्यटन स्थलों से पर्यटकों के चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान छोड़ देता हैं | पुराना लखनऊ शहर ज्यादातर हलचल जिवंत गलियों कबाब , बिरयानी आउटलेट और लखनवी चिकेन बाजार के अलावा थोक आभूषण भंडार के लिए भी जाना जाता था |
* पर्यटन स्थल --- हजरतगंज मार्किट , लखनऊ चिड़ियाघर , आंबेडकर मेमोरियल पार्क , दिलकुशा कोठी , फिरंगी महल
* हजरतगंज मार्केट --- ये मार्केट लखनऊ में खरीदारी करने और घुमने के लिए एक प्रमुख केंद्र हैं जिसका अपना एक लम्बा इतिहास हैं | इस जगह में पहले से बहुत बड़ा बदलाव आया हैं और यह लखनऊ के केन्द्रीय शोपिंग आर्केड के रूप में काम करता हैं |
* लखनऊ चिड़ियाघर --- ये चिड़ियाघर लखनऊ जू शहर के केंद्र में स्थित घुमने की एक अच्छी जगह हैं जो वन्यजीव उत्साही लोंगो का सबसे पसंदीदा अड्डा हैं | यह विशाल चिड़ियाघर 71.6 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हैं जिसको 1921 में वेल्स के राजकुमार हिज रॉयल हिएनेस की यात्रा की याद में स्थापित किया गया था | अगर आप लखनऊ शहर की यात्रा करने के लिए आते हैं तो आपको शहर के इस चिड़ियाघर के जानवरों को देखने जरुर आना चाहिए |
* आंबेडकर मेमोरियल पार्क --- यह पार्क लखनऊ का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जिसका निर्माण भीमराव आंबेडकर कांशी राम और अन्य जैसे लोंगो की याद में बनाया था जिन्होंने समानता और मानवीय न्याय के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया था | सात अरब रुपय के बजट के साथ बना यह पार्क लखनऊ में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं |
* दिलकुशा कोठी --- यह कोठी पहले एक शिकार लॉज था जो ग्रीष्मकालीन महल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था | इस महल का निर्माण 1800 में मेजर गोर द्वारा बरोक शैली में किया गया था | जिसने आजादी के पहले युद्ध के समय कई बड़े प्रभाव का सामना किया था और इस वजह से इसके कुछ टावर और दिवार ही सही स्थिति में हैं |
* फिरंगी महल --- लखनऊ में देखने लायक जगह फ़्रांसिसी व्यवसायी नील से सम्बंधित होने के बाद फिरंगी महल को शाही फरमान के तहत सरकारी खजाने में बदल दिया गया था | जिसके बाद में औरंगजेब के सलाहकार और उनके भाई द्वारा इस्लामिक के रूप में विकसित कर दिया गया था |
6. प्रयागराज (इलाहबाद) --- प्रयागराज को पहले इलाहबाद कहा जाता था | उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा और यमुना नदी के तट पर स्थित हैं | इलाहबाद भारत के लगभग सभी समुदायों के लिए एक पवित्र स्थल हैं | ये शहर विभिन्न कारणों से बेहद मशहूर हैं उनमे से एक हैं यह की तीन नदिया – गंगा , यमुना और सरस्वती | कुम्भ मेले से लेकर इलाहबाद किले तक , एतिहासिक चमत्कारों से लकर शानदार वास्तुकला तज इलाहबाद में घुमने के लिए बहुत सारी जगहे हैं जो आपको अपनी और आकर्षित जरुर कर लेगी |
* पर्यटन स्थल ---- इलाहाबाद का किला , जवाहर तारामंडल , इलाहाबाद का कुम्भ मेला , खुसरो भाग , लेटे हनुमान मंदिर
* इलाहाबाद का किला --- यदि आप इलाहाबाद घुमने जात्ते हैं तो आप इलाहाबाद का किला देखना न भूले | यह किला इलाहाबाद का फेमस किले में से एक है | इस किले का निर्माण सन 1583 में किया गया था | किला में बेहतरीन वास्तुकला का प्रयोग किया गया हैं | इस किले को देखने के लिए देश और विदेश से कई सरे पर्यटक देखने के लिए आते हैं | यदि आप कुम्भ मेले के दौरान आतें है तो आपको पूरा किला देखने को मिलेगा | वही बाकि दीन किले का कुछ हिस्सा बंद रहता हैं |
* जवाहर तारामंडल --- जिसे विज्ञानं और ब्रहमांड विज्ञानं में रूचि हैं, वह प्रयागराज की यात्रा के दौरान जवाहर तारामंडल को विजिट क्र सकते हैं | इस तारामंडल को 1979 में बनाया गया था | यह तारामंडल विज्ञानं और इतिहास का सही संगम हैं | यहा पर ग्रहों के चाल और अंतरिक्ष से जुडी कई शो दिखाए जाते हैं | इस तारामंडल के अन्दर हर साल जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल नामक एक भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता हैं |
* इलाहाबाद का कुम्भ मेला --- हिन्दू का सबसे बड़ा तीर्थ मेले में से एक हैं | इस मेले में बहुत दूर दूर से भक्त इन पवित्र नदी में स्नान करने के लिए आते हैं | ऐसा कहा जाता हैं , जो इन पवित्र नदी में एक बार स्नान करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं | कुम्भ मेला प्रत्येक तीसरे वर्ष आयोजित किया जाता हैं | यह कुम्भ मेला हरिद्वार , इलाहाबाद , उज्जैन , और नासिक में लगता हैं |
* खुसरो बाग़ --- खुसरो बाग़ का निर्माण जहाँगीर ने अपने बेटे खुसरो के लिए बनवाया था | इस जगह पर खुसरो की समाधी उनकी माँ शाह बेगम के पास में बनी हुई हैं | यह जगह इलाहाबाद की फेमस पर एक पर हैं |
* लेटे हनुमान मंदिर ---- यह हनुमान मंदिर प्रयागराज में संगम तट के समीप स्थित हैं | इस मंदिर की यही खासियत हैं की यहा पर भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा लेटे हुए मुद्रा में विराजमान हैं | भारत के अन्य कई जगहों पर भी स्थित हैं लेकिन पुराणों में लेटे हनुमान मंदिर के लिए प्रयागराज शहर का जिक्र हैं | सबसे पहले संगम में स्नान करके इस मंदिर का दर्शन करना आपको एक अध्यात्मिक अनुभव देगा |
7. अयोध्या ---- वैसे आपको बता दे की अयोध्या को अधिकतर लोग राम जन्म भूमि के रूप में ही जानते हैं | अयोध्या वर्तमान समय में सुर्खियों में बने रहने का कारण यहा पर निर्माण हो रहे राम की भव्य मंदिर हैं जिसकी वजह से यहा पर लोग वर्तमान समय में काफी अधिक संख्या में विजिट करना पसंद कर रहे हैं |
पर्यटन स्थल ---- कनक भवन , मोती महल , दशरथ भवन , मणि पर्वत
· कनक भवन ---- यह भवन अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक महत्व रखने वाला पवित्र स्थल है| इस दर्शनीय स्थल के बारे में बताया जाता हैं की यह पर एक अन्य मंदिर हुआ करता था जिसे रामायण काल से जोड़ कर बताया जाता हैं की माता कैकई ने राम के विवाह के पक्षात सीता को दिया था | इस मंदिर को कई सालो के बाद पुनः निर्मित करवाया गया था | इसकी वास्तुकला लोंगो को काफी अद्भूत लगती हैं जिसकी वजह से इसकी ओर लोग काफी अधिक संख्या में खिचे चले आते हैं |
· मोती महल ---- यह महल अयोध्या से कुछ दुरी पर स्थित पर्यटकों द्वारा काफी अधिक संख्या में विजिट किया जाने वाला एक बेहद आकर्षक संरचना हैं | मोती महल को स्वर्ण पैलेस के रूप में भी जाना जाता हैं | इस मोती महल का निर्माण 18वी शताब्दी के दौरान किया गया था इस मोती महल की संरचना एवं इसके आस पास की खूबसूरत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है| यह जगह एक प्राकृतिक प्रेमी को अवश्य पसंद आना चाहिए |
· दशरथ भवन ---- यह भवन अयोध्या में स्थित अयोध्या का एक प्रमुख स्थल हैं | बताया जाता हैं की यही राजा दशरथ का मूल निवास स्थान हैं | इसी जगह पर श्री राम और उनके भाइयो का बचपन बिता हैं | इस भवन का प्रवेश द्वार काफी बड़ा एवं रंगीन हैं | इस दशरथ भवन में भवन श्री राम , लक्ष्मण और सीता की प्रतिमा को भी स्थापित किया गया हैं |
· मणि पर्वत ----- इस पर्वत को भी धार्मिक रूप से काफी महत्व दिया जाता हैं | बताया जाता हैं की रामायण काल के दौरान जब भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण युद्ध के दौरान घायल हुए थे , तो उन्हें संजीवनी बूटी की जरुरत थी, और हनुमान जी संजीवनी बूटी वाला जिस पर्वत को उठा कर ले जा रहे थे उसी पर्वत का एक छोटा सा हिस्सा यहा पर गिरा था | मोनी पर्वत की ऊंचाई 75 फिट बताई जाती हैं | यह पर्वत कई मंदिरों का घर भी है |
8. झाँसी ---- झांसी एक ऐसा पर्यटक स्थल हैं जो अपने इतिहास के लिए जाना जाता हैं | हम सभी वाकिफ हैं की यह स्थल रानी लक्ष्मीबाई के इतिहास को और उनकी वीरता को बखूबी बयां करती हैं | यह उत्तर प्रदेश के दक्षिण में बहने वाली बेताब नदी के किनारे पर मौजूद हैं | रानी लक्ष्मीबाई और झाँसी के अलावा इस शहर में ऐसा और भी बहुत कुछ हैं जो आपको इस शहर के और भी करीब ला देगा |
* पर्यटक स्थल ---- झाँसी फोर्ट , झाँसी संग्राहलय , रानी महल झाँसी , बरुआ सागर झाँसी ]
* झाँसी फोर्ट ---- इस किले अन्दर एक म्यूजियम मौजूद हैं | इसके अतिरिक्त इस किले में स्वाधीनता संग्राम में शहीदो को श्रधांजलि देने हेतु युद्ध स्मारक भी हैं | इसके अलवा इस किले में रानी लक्ष्मीबाई पार्क भी हैं जो झाँसी की रानी के बलिदान की स्मृति में निर्मित करवाया गया हैं | किले की संरचना बेहद आकर्षक हैं और इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर खिचती हैं |
* झाँसी संग्राहलय ---- राजकीय संग्राहलय झाँसी भारत के प्रमुख योजनाओ में से एक हैं | इसे झाँसी का म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता हैं | यह संग्राहलय रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को याद करने हेतु बनवाया गया हैं | यह इसके अतिरिक्त झाँसी के इतिहास को भी दर्शाता हैं | यह म्यूजियम महत्वपूर्ण कलाकृतियों , चित्रकारी , मूर्तिकला को प्रदर्शित करता हैं |
* रानी महल झाँसी ---- यह झाँसी शहर का एक बहुत ही रोचक एतिहासिक स्थल हैं | इस महल का निर्माण नेवल कल परिवार के रघुनाथ द्वितीय द्वारा करवाया गया था | यह रक शाही महल हैं |इस महल की संरचना पर विचार करे तो हम पाएंगे की यह एक दो मंजिला इमारत हैं जिसमे 6 हॉल हैं इसमें एक प्रसिद दरबार हॉल भी मौजूद हैं |
* बरुआ सागर झाँसी ----- यह एक बेहद ही शांत स्थल हैं | यहा पर आकर पर्यटकों को मनोरम दृश्य मिल सकता हैं | इसकी प्राकृतिक सुन्दरता के साथ साथ यह स्थल एतिहासिक दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं | इस सागर के किनारे पर्यटक अपनी एक बेहद मनोरम शाम बिता सकता हैं |