तमिलनाडु में सर्वोत्तम तीर्थ स्थलों और धार्मिक मंदिरों की खोज करें। तमिलनाडु में घूमने की जगहें काफी सारी है। भारत के मंदिरों के शहर के रूप में विख्यात, यहां विभिन्न महत्वपूर्ण मंदिर हैं। तमिलनाडु के ये पर्यटन स्थल जरूर देखने लायक हैं।
1) मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै (Meenakshi Amman Temple, Madurai)
ऐतिहासिक मीनाक्षी अम्मन मंदिर वैगई नदी, मदुरै, तमिलनाडु के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 1623 और 1655 के बीच निर्मित, इस जगह की अद्भुत वास्तुकला विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। मीनाक्षी मंदिर मुख्य रूप से पार्वती को समर्पित है, जिन्हें मीनाक्षी के नाम से जाना जाता है, जिनके पति भगवान शिव हैं। जो बात इस मंदिर को औरों से अलग बनाती है वह यह है कि देवी और देवता दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। मंदिर की सबसे खास विशेषता इसका आगे का भाग है, जिसमें दीवारों और खंभों में कलाकृतियां दर्शाई गई हैं। मीनाक्षी अम्मन मंदिर परिसर शिल्पा शास्त्र के अनुसार बनाया गया है और इसमें 14 गेटवे टॉवर या 'गोपुरम', स्वर्ण 'विमान', पवित्र गर्भगृह और श्रद्धेय देवी मीनाक्षी और कई अन्य को समर्पित मंदिर हैं। यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है, जिसमें प्रतिदिन हजारों भक्त मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में सुबह 5 बजे से 12:30 बजे के बीच और शाम 4 बजे से 9:30 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं।
2) कूडल अज़्हगर मंदिर, मदुरै (Koodal Azhagar Temple, Madurai)
भगवान विष्णु को समर्पित, तमिलनाडु के मदुरै शहर के केंद्र में स्थित कूडल अज़्हगर मंदिर, ऐतिहासिक महत्व का एक अनूठा और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे वास्तुकला की द्रविड़ शैली में बनाया गया है और माना जाता है कि इसे पांड्यों द्वारा बनाया गया था। कूडल मदुरै शहर का दूसरा नाम है और तमिल में अज़्हगर का अर्थ 'सुंदर' के रूप में किया जाता है, जिसमें विष्णु को कूडल अलगर और उनकी पत्नी लक्ष्मी को मथुरावल्ली के रूप में संदर्भित किया जाता है। विभिन्न रंगों को जोड़कर खूबसूरती से तराशा और उकेरा गया यह राजसी मंदिर देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस मंदिर के दर्शन आप सुबह 5 बजे से 12 बजे और शाम 4 बजे 9 बजे के बीच कर सकते हैं।
3) अलगर कोइल मंदिर, मदुरै (Alagar Kovil Temple, Madurai)
अलगर कोइल मदुरै के उत्तर पूर्व में स्थित एक उत्कृष्ट मंदिर है। मंदिर भगवान विष्णु का विश्राम स्थल है और इस क्षेत्र में भगवान विष्णु के कई अनुयायियों के लिए पवित्र स्थान है। यह अलगर पहाड़ियों में स्थित है और इसे अज़गरकोविल के नाम से भी जाना जाता है। भगवान की मूर्ति पूरी तरह से पत्थर से बनी है और कल्लालगर से बनाई गई एक शानदार कृति है। भगवान की विभिन्न मुद्राओं में विभिन्न मूर्तियों को एक ही छत के नीचे मंदिर में रखा गया है और यह दक्षिण भारत में अलग-अलग मंदिरों का सबसे अच्छा रूप है। सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
4) तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिर, मदुरै (Tirupparankundram Murugan Temple, Madurai)
तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिर दक्षिण भारत के तीर्थ स्थानों में से एक है। इस क्षेत्र में एक पहाड़ी इलाका है और इसे भारत के दक्षिणी हिमालय के रूप में भी जाना जाता है। यह एक दिव्य और आनंदमय गंतव्य है जहां की खूबसूरती कभी भी कम नहीं होती। इस मंदिर को विवाह के लिए एक पवित्र स्थान के रूप में देखा जाता है और ज्यादातर विवाह समारोह इसी मंदिर में ही होते हैं। इस मंदिर में भगवान सुब्रह्मण्यम का भी विवाह हुआ था और तब से इस मंदिर में भगवान के सामने कई लोग वैवाहिक बंधन में बंधे हैं।
5) मरिअम्मन टेपाकुलम मंदिर, मदुरै (Mariamman Teppakulam Temple, Madurai)
भगवान विघ्नेश्वर को समर्पित यह दिव्य मंदिर मीनाक्षी मंदिर से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर के परिसर में एक विशाल तालाब है, जो कि तमिलनाडु के क्षेत्र में सबसे बड़ा तालाब होने का रिकॉर्ड भी रखता है। ऐसा कहा जाता है कि जब मंदिर की मूर्ति भी तालाब के नीचे से प्राप्त हुई थी और तभी से इस तालाब ने अपनी लोकप्रियता हासिल की है। मंदिर में कई अलग-अलग प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं और सभी अनुष्ठान बहुत धूमधाम और आनंद के साथ किए जाते हैं। इस मंदिर के दर्शन आप सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच कर सकते हैं।
6) इस्कॉन मंदिर, मदुरै (Iskcon Temple, Madurai)
मदुरै में मणिनगरम मेन रोड में स्थित, इस्कॉन मदुरै हिंदू मंदिर है जो भगवान कृष्ण और देवी राधा को समर्पित है। मंदिर हर समय मंत्रों और गीतों से गूंजता रहता है और भक्तों को यहां स्वादिष्ट प्रसाद भी दिया जाता है। परिसर में भक्तों और अन्य तीर्थयात्रियों के लिए एक शुद्ध शाकाहारी भोजनालय भी है। इस मंदिर के दर्शन आप सुबह 5 बजे से 12:30 बजे और शाम 4:15 बजे से रात 8:15 बजे के बीच कर सकते हैं।
7) रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Jyotirlinga)
भारत एक ऐसा देश है जहां कई तरह के ऐतिहासिक स्थल देखे जा सकते हैं और इन सभी का इतिहास में अपना अलग महत्व है। भारत में हजारों साल पुराने कई मंदिर स्थापित हैं, इसी क्रम में सबसे लुभावने और दर्शनार्थियों से भरे हुए मंदिरों में से एक है रामेश्वरम मंदिर। रामेश्वरम मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जिसे भगवान शिव के सम्मान में बनाया गया है। ये मंदिर तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। इसे एक पवित्र स्थल और चार धामों में से एक माना गया है। इस मंदिर को स्थानीय भाषा में रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
रामेश्वरम मंदिर लगभग 1000 फुट लंबा और 650 फुट चौड़ा है। इस मंदिर में 40 फुट ऊंचे दो पत्थर इतनी बराबरी के साथ लगाए गए हैं कि इनको देखकर आश्चर्य होना स्वभाविक है। मान्यताओं के अनुसार, रामेश्वर मंदिर निर्माण में लगाए हुए पत्थरों को श्रीलंका से नावों के जरिए लाया गया था।
8) शोर मंदिर, महाबलीपुरम (Shore Temple, Mahabalipuram)
7वीं शताब्दी के दौरान निर्मित, शोर मंदिर द्रविड़ शैली में निर्मित सबसे पुराने दक्षिण भारतीय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में आप पल्लव वंश की कलाकारी को भी देख सकते हैं। शोर मंदिर में विष्णु मंदिर भी शामिल है, जिसका निर्माण भगवान शिव के दो मंदिरों के बीच करवाया गया है। ये मंदिर बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है, जहां पर्यटकों को सबसे ज्यादा देखा जा सकता है। इस मंदिर की खूबसूरती को देख पर्यटक सबसे ज्यादा यहां फोटो खिचवाने आते हैं। इस मंदिर के दर्शन आप सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे के बीच कर सकते हैं। भारतियों के लिए यहां जाने की फीस 5 रुपए और विदेशियों के लिए 250 रुपए है।
9) गणेश रथ मंदिर, महाबलीपुरम - Ganesh Ratha Temple, Mahabalipuram
गणेश रथ मंदिर पल्लव वंश द्वारा निर्मित किया गया एक भव्य मंदिर है। इस मंदिर की संरचना द्रविड़ शैली में की गई है। प्रारंभ में, यह भगवान शिव को समर्पित था और परिसर में एक शिवलिंग रखा गया था, लेकिन बाद में पर, लिंग को हटा दिया गया था, और अब, यहां भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस मंदिर को एक चट्टान पर उकेरा गया है, जिसकी आकृति आपको एक रथ जैसी दिखाई देगी। इस मंदिर को आप सुबह 6 बजे से 12 बजे के बीच देख सकते हैं और दोपहर 3 बजे से 8 बजे के बीच भी ये मंदिर खुला रहता है।
10) वराह गुफा मंदिर, महाबलीपुरम - Varaha Cave Temple, Mahabalipuram
वराह गुफा मंदिर महाबलीपुरम में स्थित एक उत्कृष्ट रॉक-कट हिंदू मंदिर है। यहां की गुफा भी 7 वीं शताब्दी के दौरान की है, जिनका निर्माण ग्रेनाइट पहाड़ी की चट्टानों की दीवारों पर किया गया है। नरसिंहवर्मन प्रथम महामल्ल के शासनकाल के दौरान बनाया गया, यह मंदिर पल्लव कला के सबसे महान उदाहरणों में से एक है। इसमें भगवान विष्णु की उनके वराह रूप में एक मूर्ति है, साथ ही इसमें भूदेवी के साथ मूर्ती भी बनी हुई हैं। इस मंदिर के दर्शन आप सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच कर सकते हैं।
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