बनारस में घूमने लायक कुछ प्रसिद्द जगहें। (Part-1) Some famous places worth visiting in Banaras (Part-1)

Aditya
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1. काशी विश्वनाथ मंदिर

 

**काशी विश्वनाथ मंदिर** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और वाराणसी के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ जाने के कई कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। यहां दर्शन करने से भक्तों को विशेष पुण्य मिलता है और उनके पाप समाप्त होते हैं।

 

2. **ऐतिहासिक महत्व**: इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है। इसे बहुत पुराने समय से पूजा जाता रहा है और इसके इतिहास में कई प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ जुड़ी हुई हैं।

 

3. **संस्कृतिक अनुभव**: यहाँ पर आकर आप भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का गहरा अनुभव कर सकते हैं। मंदिर के वातावरण में भव्यता, मंत्रों की ध्वनि, और धार्मिक अनुष्ठान एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं।

 

4. **आध्यात्मिक शांति**: यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का अनुभव करने से मानसिक और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है।

 

**स्थान**: काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के पुराने शहर के केंद्र में स्थित है। यह गंगा नदी के पास, जयनाथ गली में, काशी विश्वनाथ गेट के पास स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए विभिन्न साधन उपलब्ध हैं, जैसे कि ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, और स्थानीय परिवहन।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर जा रहे हैं, तो काशी विश्वनाथ मंदिर आपकी यात्रा की एक अनिवार्य जगह होनी चाहिए।

 


2. दशाश्वमेध घाट

 

**दशाश्वमेध घाट** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध घाट है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ जाने के कई खास कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: दशाश्वमेध घाट हिंदू धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है और यहां हर रोज़ संध्या आरती का आयोजन होता है, जो भक्तों के लिए एक अत्यंत आध्यात्मिक अनुभव होता है।

 

2. **आरती का दृश्य**: यहाँ पर शाम के समय गंगा आरती का दृश्य अत्यंत भव्य और मनमोहक होता है। यह आरती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है और इसमें विभिन्न पूजा विधियों, दीपों, और मंत्रों के साथ वातावरण को एक दिव्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह दृश्य देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं।

 

3. **सांस्कृतिक अनुभव**: दशाश्वमेध घाट वाराणसी की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और गंगा के तट पर चलने वाली गतिविधियाँ आपको भारतीय संस्कृति के करीब से जानने का मौका देती हैं।

 

4. **नदी के दृश्य**: घाट से गंगा नदी के दृश्य अत्यंत मनमोहक होते हैं। सुबह-सुबह और शाम के समय नदी का दृश्य, विशेष रूप से सूर्यास्त के समय, बहुत सुंदर और शांति प्रदान करने वाला होता है।

 

**स्थान**: दशाश्वमेध घाट वाराणसी के पुराने शहर के केंद्र में स्थित है, गंगा नदी के पश्चिमी तट पर। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के नजदीक है और यहां पहुंचने के लिए आपको वाराणसी के मुख्य मार्गों से पहुंचने में आसानी होगी। घाट पर जाने के लिए आप रिक्शा, टैक्सी, या पैदल भी जा सकते हैं।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं, तो दशाश्वमेध घाट की यात्रा आपके अनुभव को अविस्मरणीय बना देगी। यहाँ की दिव्य आरती, धार्मिक वातावरण, और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आपको एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगी।

 


3. श्री दुर्गा मंदिर

 

**श्री दुर्गा मंदिर** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और यहाँ जाने के कई खास कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: श्री दुर्गा मंदिर देवी दुर्गा के पूजन के लिए प्रसिद्ध है। देवी दुर्गा को शक्ति, शक्ति, और विजय की देवी माना जाता है। यहाँ पर आकर भक्त देवी की आराधना कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं।

 

2. **सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव**: मंदिर की वास्तुकला और यहाँ की पूजा विधियाँ आपको भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का गहरा अनुभव प्रदान करती हैं। यहाँ का वातावरण भक्तिपूर्ण और शांतिपूर्ण होता है, जो एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।

 

3. **पौराणिक कथा**: इस मंदिर की पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ भी बहुत रोचक हैं। यह माना जाता है कि देवी दुर्गा ने यहाँ राक्षसों का वध किया था, और इसी कारण से यह स्थल विशेष धार्मिक महत्व रखता है।

 

4. **आध्यात्मिक ऊर्जा**: यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा और वातावरण आपके मन को शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है। यहाँ की पूजा और अनुष्ठान आपको मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करते हैं।

 

**स्थान**: श्री दुर्गा मंदिर वाराणसी के बहुत ही प्रमुख क्षेत्र में स्थित है, जिसे कंकड़िया क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बड़ादेव और सिगरा के बीच स्थित है और वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप स्थानीय परिवहन साधनों, जैसे ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, या बस का उपयोग कर सकते हैं।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं, तो श्री दुर्गा मंदिर की यात्रा आपके धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव को और भी गहरा और प्रेरणादायक बना देगी। यहाँ का पवित्र वातावरण और देवी दुर्गा की पूजा आपके यात्रा के अनुभव को और भी खास बना देगा।

 



4. अस्सी घाट

 

**अस्सी घाट** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक घाट है। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है और यहाँ जाने के कई खास कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: अस्सी घाट का धार्मिक महत्व भी बहुत बड़ा है। इसे विशेष रूप से शंकराचार्य द्वारा पूजा जाता है और यहाँ पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान, विशेष रूप से सुबह की आरती, भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

 

2. **सुबह की आरती**: अस्सी घाट पर सुबह के समय गंगा आरती होती है, जो एक मनमोहक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। इस आरती के दौरान भक्तों और स्थानीय लोगों की भव्य संख्या होती है और यह दृश्य अत्यंत प्रेरणादायक और सौंदर्यपूर्ण होता है।

 

3. **सांस्कृतिक अनुभव**: घाट पर होने वाली विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ और स्थानीय जीवन का अनुभव आपको भारतीय संस्कृति और परंपराओं के करीब से जानने का मौका देती हैं। यहाँ पर आप घाट पर बैठकर स्थानीय लोगों के जीवन की गतिविधियाँ देख सकते हैं और वाराणसी की जीवंत संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

 

4. **गंगा नदी का दृश्य**: अस्सी घाट से गंगा नदी के दृश्य अत्यंत सुंदर और शांति प्रदान करने वाले होते हैं। यहाँ पर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय नदी का दृश्य देखने के लिए बहुत सारे पर्यटक आते हैं।

 

5. **आध्यात्मिक शांति**: घाट की शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक ऊर्जा आपको मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव कराती है। यहाँ आकर आप ध्यान और प्रार्थना में संलग्न होकर आंतरिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।

 

**स्थान**: अस्सी घाट वाराणसी के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, और यह गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह घाट वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहाँ पहुंचने के लिए आप रिक्शा, टैक्सी, या स्थानीय परिवहन का उपयोग कर सकते हैं।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं, तो अस्सी घाट की यात्रा आपके अनुभव को और भी खास बना देगी। यहाँ की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता आपके यात्रा के अनुभव को अविस्मरणीय बना देगी।

 


5. तुलसी घाट

 

**तुलसी घाट** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का घाट है। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है और यहाँ जाने के कई विशेष कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: तुलसी घाट का विशेष धार्मिक महत्व है, विशेष रूप से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए। यह घाट कवि तुलसीदास से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने हिंदी साहित्य की महान कृति, **"रामचरितमानस"** की रचना की थी। मान्यता है कि तुलसीदास ने यहाँ पर ध्यान और साधना की थी।

 

2. **सांस्कृतिक विरासत**: तुलसी घाट पर वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक जीवन को महसूस किया जा सकता है। यहाँ पर कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते रहते हैं, जो स्थानीय परंपराओं और संस्कृतियों को दर्शाते हैं।

 

3. **धार्मिक अनुष्ठान**: यहाँ पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और आरतियाँ भक्तों और पर्यटकों को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। यहाँ पर आप गंगा की पूजा और विभिन्न धार्मिक क्रियाओं का हिस्सा बन सकते हैं।

 

4. **प्राकृतिक सौंदर्य**: तुलसी घाट से गंगा नदी का दृश्य बहुत सुंदर और शांतिपूर्ण होता है। यहाँ पर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय नदी के तट पर बैठकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।

 

5. **लोकप्रिय स्थल**: तुलसी घाट वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहाँ पर स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही आते हैं। यहाँ की लोककथाएँ और धार्मिक मान्यताएँ इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।

 

**स्थान**: तुलसी घाट वाराणसी के पूर्वी हिस्से में स्थित है, और यह गंगा नदी के तट पर पड़ता है। यह घाट काशी विश्वनाथ मंदिर और अस्सी घाट के बीच स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप रिक्शा, टैक्सी, या स्थानीय परिवहन का उपयोग कर सकते हैं।

 

वाराणसी की यात्रा पर यदि आप धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभव की खोज में हैं, तो तुलसी घाट की यात्रा आपके यात्रा अनुभव को और भी समृद्ध और अविस्मरणीय बना देगी।

 


6. धामेक स्तूप

 

**धामेक स्तूप** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों और इतिहास प्रेमियों के लिए खास महत्व रखता है। यहाँ जाने के कई प्रमुख कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: धामेक स्तूप बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। यह स्तूप बोधगया के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है, क्योंकि यह स्थल गौतम बुद्ध के पहले उपदेश के स्थल के रूप में माना जाता है। यहाँ पर बुद्ध ने अपने पहले उपदेश की शुरुआत की थी।

 

2. **ऐतिहासिक महत्व**: धामेक स्तूप का इतिहास बहुत पुराना है और यह बौद्ध आर्किटेक्चर का एक प्रमुख उदाहरण है। इसे 250 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक के द्वारा बनवाया गया था, और इसे फिर से पुनर्निर्मित किया गया था। इसका यह ऐतिहासिक महत्व इसे एक अनूठा स्थल बनाता है।

 

3. **वास्तुकला**: धामेक स्तूप की वास्तुकला बहुत ही शानदार और प्रभावशाली है। इसका गोलाकार डिज़ाइन और इसके चारों ओर बनी हुई उकेरी गई आकृतियाँ और चित्रकारी बौद्ध कला की सुंदरता को दर्शाते हैं। यह स्थापत्य कला प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

 

4. **आध्यात्मिक शांति**: यहाँ पर आकर आप बौद्ध धर्म की शांति और ध्यान के अनुभव को महसूस कर सकते हैं। स्तूप के पास का शांत वातावरण और इसके चारों ओर का दृश्य आत्मिक शांति और ध्यान के लिए अनुकूल है।

 

5. **प्राकृतिक सौंदर्य**: धामेक स्तूप वाराणसी के सेंट्रल भाग में स्थित है और इसके चारों ओर हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। यहाँ पर आप प्राचीन और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।

 

**स्थान**: धामेक स्तूप वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में स्थित है। सारनाथ वाराणसी शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह प्रमुख बौद्ध स्थलों में से एक है। यहाँ पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या बस का उपयोग कर सकते हैं। सारनाथ में कई अन्य बौद्ध स्थलों और संग्रहालयों की भी यात्रा की जा सकती है।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं और बौद्ध धर्म, इतिहास, या वास्तुकला में रुचि रखते हैं, तो धामेक स्तूप की यात्रा आपके अनुभव को समृद्ध और ज्ञानवर्धक बना देगी।

 


7. भारत माता मंदिर

 

**भारत माता मंदिर** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ जाने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

 

1. **राष्ट्रीय महत्व**: भारत माता मंदिर एक अनूठा मंदिर है, जिसे भारत माता के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए समर्पित किया गया है। यहाँ पर भारत माता की एक भव्य और प्रतिमूर्ति स्थापित की गई है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में मानी जाती है। यह मंदिर देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देता है।

 

2. **वास्तुकला**: मंदिर की वास्तुकला बहुत ही सुंदर और अद्वितीय है। इसकी भव्य संरचना और आंतरिक सजावट आपको भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक शिल्प का अद्वितीय उदाहरण देखने को देती है।

 

3. **धार्मिक और ऐतिहासिक अनुभव**: भारत माता मंदिर में जाकर आप भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महानता को महसूस कर सकते हैं। यहाँ पर आने वाले पर्यटक और भक्त देश की एकता, अखंडता और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में भारत माता की पूजा करते हैं।

 

4. **शांतिपूर्ण वातावरण**: मंदिर का शांतिपूर्ण और दिव्य वातावरण आपके मन को शांति और प्रेरणा प्रदान करता है। यहाँ पर आप ध्यान और प्रार्थना कर सकते हैं और एक आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

 

5. **स्थानीय जीवन और संस्कृति**: भारत माता मंदिर वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहाँ पर आकर आप स्थानीय जीवन और संस्कृति का भी अनुभव कर सकते हैं। मंदिर के आसपास का क्षेत्र और स्थानीय लोग आपकी यात्रा को और भी समृद्ध बनाएंगे।

 

**स्थान**: भारत माता मंदिर वाराणसी शहर के मुख्य क्षेत्र, *सर्किट हाउस रोड* पर स्थित है। यह वाराणसी के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में शामिल है और यहाँ तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या स्थानीय परिवहन का उपयोग कर सकते हैं। यह स्थल वाराणसी के अन्य प्रसिद्ध स्थलों, जैसे कि काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट के नजदीक है।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं और भारतीय संस्कृति, इतिहास, और धर्म में रुचि रखते हैं, तो भारत माता मंदिर की यात्रा आपके अनुभव को और भी खास और प्रेरणादायक बना देगी।

 


8. काल भैरव मंदिर

 

**काल भैरव मंदिर** वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के भैरव रूप को समर्पित है और यहाँ जाने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

 

1. **धार्मिक महत्व**: काल भैरव को भगवान शिव का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है, जो नकारात्मक शक्तियों और बुरी आत्माओं से रक्षा करते हैं। इस मंदिर की पूजा और दर्शन से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन में सकारात्मकता आती है। यह स्थल विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो भय और चिंता से मुक्त होने की चाहत रखते हैं।

 

2. **आध्यात्मिक शांति**: काल भैरव मंदिर का वातावरण बहुत ही पवित्र और आध्यात्मिक होता है। यहाँ पर आकर आप ध्यान, प्रार्थना, और साधना के माध्यम से आंतरिक शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।

 

3. **अनुष्ठान और पूजा**: यहाँ पर विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं, जिनमें भक्त भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए अर्चना और बलिपाठ करते हैं। ये धार्मिक क्रियाएँ भक्तों को गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती हैं।

 

4. **स्थानीय मान्यता**: वाराणसी में काल भैरव मंदिर का एक विशिष्ट स्थान है और इसे शहर की सुरक्षा और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ की पूजा और धार्मिक अनुष्ठान स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्था का एक प्रमुख हिस्सा हैं।

 

5. **आर्किटेक्चर और वातावरण**: मंदिर की वास्तुकला और आंतरिक सजावट विशेष ध्यान देने योग्य हैं। यहाँ की वास्तुकला और धार्मिक चित्रण भारतीय मंदिर कला का एक अच्छा उदाहरण हैं।

 

**स्थान**: काल भैरव मंदिर वाराणसी के पुराने शहर में स्थित है। यह वाराणसी रेलवे स्टेशन से करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट के नजदीक है। मंदिर तक पहुँचने के लिए आप रिक्शा, टैक्सी, या पैदल यात्रा कर सकते हैं।

 

यदि आप वाराणसी की यात्रा पर हैं और एक धार्मिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक अनुभव की खोज में हैं, तो काल भैरव मंदिर की यात्रा आपके यात्रा को और भी समृद्ध और प्रेरणादायक बना देगी। यहाँ की धार्मिक ऊर्जा और शांतिपूर्ण वातावरण आपको गहरी आत्मिक शांति प्रदान करेगा।

 


 

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