Kerala Me Ghumne ki Jagah: दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में केरल का नाम सबसे पहले आता है। साउथ का यह राज्य घूमने के शौकीन लोगों का ध्यान सबसे पहले अपनी ओर खींचता है।
नारियल, काजू, चाय, रबर और स्पाइस घोस्ट ऑफ इंडिया कहा जाने वाला केरल इसके पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए नाम “God’s Own Country” के लिए बहुत फेमस है। प्रकृति की गोद में बसा केरल आपको शांति, सुकून और रोमांच से भरी एक यादगार यात्रा देने के लिए पर्याप्त है।
सबसे ज्यादा शिक्षित और सबसे कम भ्रष्ट होने का गौरव भी केरल को प्राप्त है। जगह-जगह ताल और नारियल के वृक्षों से घिरा हुआ केरल, हाउसबोट, चाय के बागान मसालों की खेती वाला केरल, धर्म कर्म और संस्कृति से जुड़ा हुआ केरल हर तरफ से आप का मन मोह लेगा।
केरल में घूमने की जगह
1. अल्लेप्पी – पूर्व का वैनिस
यह केरल के टॉप पर्यटन स्थल में से एक है। पूर्व का वैनिस कहा जाने वाला ये स्थान केरल की सबसे आकर्षक जगह है। इसकी असीम सुंदरता, बैकवॉटर यात्रा हर साल यात्रियों को भारी मात्रा में आकर्षित करती है। नारियल के पेडो़ से होकर गुज़रती नौकाऐं आपको आनंद प्रदान करेंगी। यहाँ का सादगी से भरा जीवन आपको अपना बनाने की कोशिश करेगा। हाउस बोट में रहना आपको एक नया अनुभव देगा। आप यहाँ आकर केरल के पारंपरिक भोजन का स्वाद भी चख सकते हैं। यहाँ की बोट रेस भी यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
2. मुन्नार – हनीमून गंतव्य
आपको इस केरल के पर्यटन स्थल अवश्य जाना चाहिए। मुन्नार दर्शनीय स्थल केरल का पहाड़ी इलाक़ा है। बादलों को स्पर्श करते ऊँचे-ऊँचे पहाड़ आपको ऐसा एहसास कराऐंगे कि, आपके हाथ उठाते ही आप बादलों को अपनी मुट्ठी में समेट लेंगे। शादीशुदा जोड़ों के लिए ये बेहद खूबसूरत गंतव्य माना जाता है। आरामदायक और लुभावने रैज़ॉर्ट आपकी यात्रा को बेहद सुगम बनाऐंगे। ये पहाड़ का डिज़ाइन मुख्यतः चाय के उत्पादन के लिए किया गया है। चाय की सौंधी खुशबू आप अंतःकरण में लीन हो जाएगी।
3. वायनाड – साधा जीवन व संस्कृति
केरल के पर्यटन स्थल में शामिल ये स्थान केरल की सबसे ज़्यादा हरियाली युक्त जगह है। प्रकृति और मानव-निर्मित साधनों का ये बहुत उम्दा मिश्रण है। यहाँ की खास बात है केरल की सरल व साधारण संस्कृति और रीति-रिवाज़ जो आपको ग्रहण करने में ज़रा भी कठिनाई नहीं होगी। मलयालम में वायनाड का अर्थ होता है- धान के खेतों की भूमि। आप इस प्रदूषणरहित वातावरण में चैन की साँस ले सकेंगे वरना आज के समय में तो हर जगह प्रदूषण ग्रस्त है। यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से है।
4. थेक्कड़ी – वन्यजीवों का स्थान
यह पर्वतीय स्थल इडुक्की जिले में स्थित है। यह स्थान पेरियर वन्यजीव अभ्यारण के लिए लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय है। यह बहुत-से विलुप्त जानवरों और 200 से भी अधिक पक्षियों का निवास स्थान है।मुख्यतः यह हाथियों का स्थल है पर अन्य जीव भी आपको यहाँ देखने मिलेंगे जैसे-बाघ, जंगली बिल्ली, सांभर, नीलगिरी लंगूर, गौर आदि। यदि आप घने जंगल के बीच से होती हुई नदी से गुज़रना चाहते है तो आप अपनी ये इच्छा पूर्ण कर सकते हैं क्योंकि यहाँ नौकाओं की भी व्यवस्था है।यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से है।
5.श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर – धार्मिकता की गूँज
केरल के धार्मिक स्थल में यह मंदिर अपनी अलग पकड़ बनाए बैठा है। भगवान विष्णु के इस मंदिर को बड़ी ही कलाकारी से बनाया गया है। जीवंत हो उठने वाली मूर्तियां व उत्तम श्रेणी की वास्तुकला मंदिर के हर एक कोने को जागृत कर देती है। यह देश का सबसे प्राचीन विष्णु मंदिर है। यहाँ सबसे ज़्यादा भक्त नवंबर,दिसंबर,मार्च व अप्रैल के अंतर्गत कुछ विशेष त्योहारों पर आते हैं। धार्मिक होने के बहाने ही आप इस लुभा देने वाली जगह आ सकते हैं। यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से है।
6. कोच्चि – अरब सागर की रानी
कोच्चि दर्शनीय स्थल को “अरब सागर की रानी” भी कहा जाता है। यह केरल का वित्तिय,व्यावसायिक व औद्योगिक केंद्र है। इस शहर में कुछ आर्ट गैलरी है जो, आपको कला के प्रति प्रोत्साहित करेंगी। देर रात तक आनंद प्राप्ति के लिए पब और जी तोड़ खरीदारी के लिए शॉपिंग आपको यहाँ आसानी से मिल जाएंगे। आपकी यात्रा बेहद रंगीन हो जाएगी।सुंदर प्राकृतिक नज़ारों के लिए आप बीच का रुख भी कर सकते हैं।अपनी मन की शांति के लिए मंदिरों की शरण भी ली जा सकती है।
7.कोवलम – ग्रामीण जीवन व बीच का संगम
अरब सागर के तटीय इलाकों पर बसा यह गाँव इसके पास मौजूदा तीन बीचों के लिए प्रख्यात है। ये तीन बीच हैं- लाईटहाऊस बीच, समुद्र बीच व हवाह बीच जो इसके सौंदर्य को चौगुना करते हैं। ये पूरा इलाक़ा लंबे-लंबे नारियल के पेड़ों से घिरा हुआ है इसलिए आपको यहाँ ताज़ा नारियल चखने को मिलेंगे। योगा, ध्यान लगाना यहाँ के माहौल को और अधिक शांतिपूर्ण हबनाता है। यह विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी का गंतव्य स्थान भी है जैसै- पारंपरिक मसालें, लकड़ी की मूर्तियां, हस्तशिल्प।
8. पूवर – सौंदर्यपूर्ण द्वीप
यह एक शोभायमान द्वीप है जो थिरुवनंनथपुरम से 27 किमी की दूरी पर स्थित है। दूर-दूर तक फैला रेत आनंदमयी वातावरण और मचलती हवा का संगम मदहोश कर देने वाला है। एक ऐसा स्थान जहाँ अरब सागर, नेय्यर नदी और भूमि आपस में मिलती है, यकीनन यह देखने लायक जगह है। खासकर उन लोगों के लिए जो प्रकृति और शांति प्रेमी हैं। अज्ञात बीच व केरल के बैकवाटर इस जगह को देखने लायक बनाते हैं। भारी मात्रा में आपको का यहाँ सुकून की प्राप्ति होगी और आप यहाँ बार-बार आना चाहेंगे।
9. थ्रिस्सुर – शास्त्रीय कला व संस्कृति का केंद्र
केरल के दर्शनीय स्थल का गमन करने आए और थ्रिस्सुर ना घूमे तो आपकी यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। अगर आप केरल की शास्त्रीय कला और संस्कृति को अपने ज़हन तक उतारना चाहते है तो, ये स्थान आपके ही इंतज़ार में बैठा है। स्थानीय भाषा में मंत्रों का उच्चारण आपको केरल की संस्कृति से जोड़ेगा। कुछ अन्य जगह जिनका आप यहाँ आकर विचरण कर सकते हैं वह है- वदक्कुम्नंथन क्षेत्रम् मंदिर, शक्थन थंपुरम का मकबरा, अथिरापल्ली फॉल आदि।
10.नेल्लीयमपैथी – प्राकृतिक वातावरण
केरल व तमिलनाडु की सरहद पर बसी यह जगह आपको किसी स्वप्न की भाँति लगेगी। हवाओं को चीरती हुई भीनी-सी खुशबू जो आपके नाक से होते हुए ज़हन में जा बसेगी वो खुशबू है- कॉफी की। आसपास का इलाक़ा हरियाली से परिपूर्ण है जहाँ चाय, कॉफी व इलाईची की खेती की जाती है। एक बढ़िया अवकाश को बिताने के लिए यहाँ आया जा सकता है जहाँ आप ऊँचे पहाड़ों पर मदहोश वातावरण के गवाह बन सकेंगे।
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